Saturday 23 July 2022

हिंदू मुस्लिम भाईचारे कि बड़ी मिशाल

 5 वक्त के नमाजी वकील 2015 से कांवड़ उठा रहे:राशिद ने शिवभक्तों को दान की 3 लाख की जमीन, पढ़िए मोहब्बत-ए-कांवड़ की 5 कहानियां,




Published By: Hq_Admin Sat 23 July 12:44 Pm Ist
Last updated : Sat 23 July 06:20 Pm Ist





सावन में हिंदुओं के साथ मुस्लिम शिव भक्त भी कांवड़ यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं। शामली में 5 वक्त के नमाजी वकील मलिक छठी बार कांवड़ लाने जा रहे हैं। बरेली के इस्माइल और राशिद खां ने कांवड़ यात्रा के लिए अपनी जमीन दान दे दी। मेरठ में पूरा मुस्लिम मोहल्ला कांवड़ बनाने में जुटा है, तो मुजफ्फरनगर के मुस्लिम व्यापारी कांवड़ियों पर फूल बरसा रहे हैं।


कहानी 1: 2015 से कांवड़ ले जा रहे शामली के वकील मलिक शामली के भैंसवाल गांव में 80% मुस्लिम आबादी रहती है। यहां के रहने वाले वकील मलिक शिव भक्त हैं। वो बीते 5 साल से लगातार कांवड़ लाकर गांव के भैंसवाल मंदिर में गंगाजल चढ़ाते हैं। इस बार जब कांवड़ लाने गए, तो गांव के ही कुछ शरारती तत्वों ने इसका विरोध किया। मगर, वकील मलिक ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। अब वो 22 जुलाई को कांवड़ लाने जा रहे हैं।



वकील मलिक कहते हैं, "मैं 2015 से कांवड़ लाकर भैंसवाल मंदिर में भगवान शंकर का जलाभिषेक करता हूं। इससे मेरी कई परेशानियां हल हुईं। छठी बार कांवड़ लाना चाहता था, लेकिन गांव के कुछ लोग मना करने लगे। उन लोगों की शिकायत मैंने 13 जुलाई को डीएम मैडम से की और कांवड़ ले जाने की इजाजत मांगी।"


कहानी 2: मेरठ में मुसलमानों ने बनाया बुलडोजर कांवड़
मेरठ में कांवड़ यात्रा के लिए खासतौर पर बुलडोजर कांवड़ बनाया गया है। इस कांवड़ को हिंदू और मुस्लिम युवाओं ने मिलकर तैयार किया है। सदर इलाके के रहने वाले अशरफ और उनके दोस्त गौरव ने इस कांवड़ को 20 जून से बनाना शुरू कर दिया था।


अशरफ कहते हैं, "पिछले 10 साल से हमारे मोहल्ले के लोग मिलकर कांवड़ बनाते हैं। कोशिश यही रहती है कि हर बार कुछ नया किया जाए। इस बार योगी बाबा का बुलडोजर चल रहा है। इसलिए हम भी बुलडोजर कांवड़ बना रहे हैं। ये कांवड़ 7 फीट ऊंची और 7 फीट चौड़ी है। मोहल्ले में मुस्लिम परिवारों के बच्चे और बड़े सभी कांवड़ बनाने में हमारी मदद करते हैं।" अशरफ से पूछा गया कि कांवड़ बनाने में कितना खर्च आता है? इस पर उन्होंने कहा, "ये काम हम अपनी मर्जी से करते हैं। ऊपर वाले के काम के लिए कोई पैसा नहीं लेता।"

कहानी 3: इस्माइल और राशिद ने कांवड़ यात्रा के लिए जमीन तक दान की 2019 में बरेली के शिकारपुर चौधरी गांव में कांवड़ यात्रा के रास्ते को लेकर बवाल हो गया। 2020 और 2021 में कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा नहीं हुई। 2022 में जब यात्रा शुरू होनी थी, तब जिला प्रशासन ने हिंदू-मुस्लिम पक्षों के साथ मीटिंग की। इसमें गांव के राशिद खां और इस्माइल खां ने कांवड़ियों के मंदिर जाने के रास्ते के लिए अपनी जमीन दे दी।

मीटिंग में SDM सिटी डॉ. आरडी पांडेय ने जमीन के बदले दोनों मालिकों को मुआवजा देने की पेशकश की। मगर, दोनों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि धर्म के नाम पर हम सौदा नहीं कर सकते। यह जमीन हम कांवड़ यात्रा के लिए दान में देंगे। इसके बाद हिंदू पक्ष ने राशिद और इस्माइल के लिए खड़े होकर तालियां भी बजाईं।



बरेली सिटी के SDM आरडी पांडेय के साथ मीटिंग में जमीन को दान करते राशिद और इस्माइल खां।


बरेली सिटी के SDM आरडी पांडेय के साथ मीटिंग में जमीन को दान करते राशिद और इस्माइल खां।

कहानी 4: हरिद्वार से कांवड़ लाकर गांव में शिव का जलाभिषेक करते हैं सलीम बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के चौकी खाजपुर गांव में सलीम रहते हैं। वह हरिद्वार से कांवड़ लाते हैं। 3 साल से कांवड़ लाकर गांव के जाहरवीर मंदिर में भगवान शिव पर जल चढ़ाते हैं।

सलीम कहते हैं, "मेरे बेटे जाहिद को मानसिक बीमारी थी। वो जल्द ठीक हो जाए। इसके लिए मैंने 2 साल पहले कांवड़ उठाकर भोले बाबा से उसकी सलामती की दुआ मांगी थी। अब वह ठीक हो गया है। इसके बाद हर बार सावन और शिवरात्रि में हरिद्वार से कांवड़ लाकर गांव के मंदिर में जल चढ़ाता हूं।"

सलीम कहते हैं, "कांवड़ यात्रा में पैदल चलते हुए गला सूख जाता है। हाथ-पैर दर्द करने लगते हैं। मगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में लोग मुझे जानने लगे हैं। हम जब भी यहां से कांवड़ लेकर गुजरते हैं। लोग हमारा स्वागत करते हैं और खाने के लिए फल, शर्बत देते हैं


हरिद्वार से कांवड़ लेकर चौकी खाजपुर गांव पहुंचे सलीम(काले जैकेट में) का बुलंदशहर के साधुओं ने स्वागत किया।





कहानी 5: उत्तराखंड से आने वाले कांवड़ियों पर फूल बरसाते हैं मुस्लिम समाजसेवी मुजफ्फरनगर का सरवट गांव और मेरठ का दिल्ली रोड इलाका कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ता है। यहां रहने वाले मुस्लिम समाजसेवी सावन में उत्तराखंड से आने वाले कांवड़ियों के ठहरने और जलपान के लिए पंडाल लगाते हैं।

सरवट गांव के रहने वाले अहमद हुसैन बीते 4 साल से कांवड़ियों के लिए पंडाल लगाते हैं। हुसैन कहते हैं, "जब कांवड़ियां हमारे गांव के रास्ते से गुजरते हैं, तो यहां के मुस्लिम समुदाय के लोग उनको माला पहनाकर, उन पर फूल बरसाते हैं। हम सभी कैंप लगाकर कांवड़ियों के लिए रुकने के साथ-साथ खाने का भी इंतजाम करते हैं।"

मुजफ्फरनगर के सरवट गांव में कांवड़ियों को माला पहनाते मुस्लिम समाजसेवी।


मौलाना रजवी बोले- राहगीरों की मदद करना ही पैगंबर साहब का संदेश,

तंजीम उलमा इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (बरेलवी) ने भी मुसलमानों की इस पहल का स्वागत किया है। मौलाना रजवी कहते हैं, “बरेली में अमन कमेटी कई साल से कांवड़ियों के लिए खाने और ठहरने की व्यवस्था करती रही है। इस बार भी बरेली में हिंदू मुसाफिरों के लिए 6 स्टॉल लगाए गए हैं।”

मौलाना रजवी कहते हैं, “पैगंबर साहब ने हमेशा राहगीरों की मदद करने का संदेश दिया है। उनके ही बताए गए रास्ते पर चलकर मुस्लिम समाज ये नेक काम कर रहा है। मैं इसका स्वागत करता हूं।”

इन 8 कांवड़ रूट पर भी मुस्लिम समाज ने लगाए कैंप,


मुजफ्फरनगर से सहारनपुर: 3 कैंप

हरिद्वार से सहारनपुर-देवबंद: 2 कैंप

हरिद्वार से शामली-बागपत-लोनी: 3 कैंप

हरिद्वार से मुजफ्फरनगर: 2 कैंप

हरिद्वार से मेरठ-मुजफ्फरनगर-बागपत: 3 कैंप

हरिद्वार से सहारनपुर-शामली-बागपत: 1 कैंप

हरिद्वार से मेरठ-बागपत-बालैनी से पुरा महादेव: 2 कैंप

हरिद्वार से मेरठ-हापुड़-मुरादाबाद-बरेली: 6 कैंप



 

Friday 22 July 2022

लूलू मॉल विवाद क्यों और कैसे हुवा पुलिस ने चार युवकों को किया था अरेस्टमामले की जांच कर अबू धाबी भेजी जाएगी रिपोर्ट

 लुलु मॉल में नमाज विवाद की जांच करने अबू धाबी से लखनऊ पहुंची टीम,

लुलु मॉल में नमाज विवाद की जांच करने अबू धाबी से लखनऊ पहुंची टीम
यूपी के लखनऊ स्थित लुलु माल में नमाज को लेकर विवाद की जांच के लिए अबू धाबी से टीम लखनऊ पहुंची है. यह टीम विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार कर अबू धाबी भेजेगी.


LULU MOLL LUCKNOW 


Published By Hq_Admim: Wed, 22 July 2022 02:10 PM (IST)
Last Updated: Wed, 22 July 2022 05:05 PM (IST)

वर्ल्ड न्यूज़ नेशन:उत्तरप्रदेश 

की राजधानी लखनऊ में स्थित लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद का मामला अबू धाबी तक पहुंच गया है. अबू धाबी स्थित मॉल के एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से एक टीम लुलु मॉल लखनऊ पहुंची है. यह टीम पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजेगी.
बता दें कि लुलु मॉल में नमाज का मामला देशभर में सुर्खियों में रहा, जिसको लेकर अबू धाबी से टीम जांच के लिए आई है. जानकारी के मुताबिक, लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद लगातार वहां पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने की मांग हिंदू संगठनों द्वारा की जाने लगी.
इस मामले में लुलु प्रशासन की ओर से एक एफआईआर गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.

लुलु मॉल पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट है. हालांकि इस पूरे मामले पर अबू धाबी में बैठे लुलु मॉल के मालिक और मॉल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जांच कमेटी गठित कर भेजी गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. पूरे प्रकरण में किस तरीके से लुलु मॉल में पहले नमाज का वीडियो वायरल हुआ और उसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया, इन सभी तथ्यों की जांच करने के बाद टीम यह रिपोर्ट अबू धाबी भेजेगी.

लुलु मॉल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, पुलिस की जांच लगातार जारी है. हालांकि, नमाज पढ़ने के मामले पर अभी तक खुलासा नहीं हो पाया. वहीं लुलु मॉल एडमिनिस्ट्रेशन ने रिपोर्ट बनाने के लिए अधिकारियों को पूरे मॉल के सीसीटीवी सहित अन्य जगह पर वीडियोग्राफी कराकर दी है. इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर अबू धाबी भेजी जाएगी.

Wednesday 20 July 2022

तीन दिनों तक होगी जम कर बारिश आईएमडी के अनुसार पहले से 50% कम हो गई है वर्षा

इंडो नेपाल बार्डर रूपैडीहा में हुई मुसलाधार बारिश,



Published By Hq_Admim: Wed, 20 July 2022 02:10 PM (IST)
Last Updated: Wed, 20 July 2022 02:20 PM (IST)

20 जुलाई को सुबह 7 बजे से हुई तेज़ रफ़्तार बारिश किसानों में देखी गई खुशी कि लहर


नेपालगंज सेतु बीका चौक HD में फ़ोटो देखने के लिए ईमेज पर क्लीक करें 




नेपालगंज मैन रोड 

मुसलाधार बारिश 



NH 927 रूपईडीहा

World News Nation  UP में सूखे जैसे हालात थे, 75 में से 70 जिलों में औसत से कम बारिश होने पर किसानों कि चिंता बनी हुई थी लेकिन 20 जुलाई को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक लगातार तेज बारिश हुई है । चारों तरफ़ घने काले बादल छाए हुवे है 3 दिनों तक तेज़ बरीश के आसार है 7 से 9 इंच तक वर्षा 3 घंटों के अंदर हुई है आस पास के खेतो में पानी भरा हुवा है मैन रोड एन एच 27 और 28 पर पानी लगभक 1 फुट तक भरा हुवा 20 फीसदी से कम थी बीते महीनो कि बारिश 3 घंटे लगातार तेज वर्षा से भूमि के जल स्तर में तेजी से बढ़ौतरी देखी गई है सीमावर्ती व तराई क्षेत्रों में 10 फीसदी तक वर्षा हुई जो कि किसानों के लिए बहोत ही अच्छी बात है बीते हफ़्ते नेपालगंज कोहलपुर डांग सुर्खेत में हर दूसरे तीसरे दिन जम कर बारिश होती रहती थी। लेकिन बहराईच श्रावस्ती के साथ साथ लगभक सभी जिलों में बारिश नहीं होती थी किसान काफी निराश थे और गर्मी 40 डिग्री के पार थी जिससे आम आदमी भी बहोत परेशान था।


20 जुलाई को सुबह 7 बजे से हुई तेज़ रफ़्तार बारिश किसानों में देखी गई खुशी कि लहर

उत्तर प्रदेश कि बात करे तो लखनऊ बाराबंकी कानपुर कैसरगंज जरवल बहराईच मुरादाबाद उन्नाव लखीमपुर राय बरेली महिपुरवा नानपारा रूपईडीहा व अन्य क्षेत्रों में 72 घंटे तक लगातार तेज बारिश होने कि संभावना है।


बारिश न होने से उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में सूखे जैसे हालात हैं. खुद मौसम विभाग के बीते एक महीने के आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि राज्य के 48 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है और वहीं उत्तर प्रदेश में 57 फीसदी, झारखंड में 46 फीसदी और बिहार में 27 फीसदी से कम बारिश हुई है।

उत्तर प्रदेश में मानसून पर आईएमडी के बीते 30 साल के डाटा के आकलन के आधार पर काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वॉटर का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते राज्य में करीब 25 फीसदी बारिश पहले ही कम हो चुकी है. ऐसे में किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती थी लेकिन अब उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में जोर दार बारिश हुई है।


संस्था के प्रोग्राम लीड अबिनाश मोहंती बताते हैं कि आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, बीते तीस सालों में पहले ही उप्र में करीब 30 फीसदी बारिश कम हो चुकी है. इसी ट्रेंड के तहत इस साल अब तक 50 फीसदी से कम बारिश हुई है. जो ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

(वेदर एंटीलिजेंट) मौसम वैज्ञानिक ने इस्से पहले चेतावनी दी थी 19 से 21 जुलाई तक अगर बारिश नहीं हुई तो बड़ी आपदा जैसी स्थिति हो सकती है।

दूसरी तरफ सभी समुदाय के लोगो ने पूजा कि नमाज़ में दुवाएं मांगी गई महिलाओं ने इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए खेतो में हल चलाया ताकि अकाल संकट खत्म हो जाए। उसके 2 दिन बाद जमकर बारिश हुई।

दूसरे दिन भी जारी है बारिश,
21 जुलाई सुबह 9 बजे से हो रही है बारिश