Wednesday 20 July 2022

तीन दिनों तक होगी जम कर बारिश आईएमडी के अनुसार पहले से 50% कम हो गई है वर्षा

इंडो नेपाल बार्डर रूपैडीहा में हुई मुसलाधार बारिश,



Published By Hq_Admim: Wed, 20 July 2022 02:10 PM (IST)
Last Updated: Wed, 20 July 2022 02:20 PM (IST)

20 जुलाई को सुबह 7 बजे से हुई तेज़ रफ़्तार बारिश किसानों में देखी गई खुशी कि लहर


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नेपालगंज मैन रोड 

मुसलाधार बारिश 



NH 927 रूपईडीहा

World News Nation  UP में सूखे जैसे हालात थे, 75 में से 70 जिलों में औसत से कम बारिश होने पर किसानों कि चिंता बनी हुई थी लेकिन 20 जुलाई को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक लगातार तेज बारिश हुई है । चारों तरफ़ घने काले बादल छाए हुवे है 3 दिनों तक तेज़ बरीश के आसार है 7 से 9 इंच तक वर्षा 3 घंटों के अंदर हुई है आस पास के खेतो में पानी भरा हुवा है मैन रोड एन एच 27 और 28 पर पानी लगभक 1 फुट तक भरा हुवा 20 फीसदी से कम थी बीते महीनो कि बारिश 3 घंटे लगातार तेज वर्षा से भूमि के जल स्तर में तेजी से बढ़ौतरी देखी गई है सीमावर्ती व तराई क्षेत्रों में 10 फीसदी तक वर्षा हुई जो कि किसानों के लिए बहोत ही अच्छी बात है बीते हफ़्ते नेपालगंज कोहलपुर डांग सुर्खेत में हर दूसरे तीसरे दिन जम कर बारिश होती रहती थी। लेकिन बहराईच श्रावस्ती के साथ साथ लगभक सभी जिलों में बारिश नहीं होती थी किसान काफी निराश थे और गर्मी 40 डिग्री के पार थी जिससे आम आदमी भी बहोत परेशान था।


20 जुलाई को सुबह 7 बजे से हुई तेज़ रफ़्तार बारिश किसानों में देखी गई खुशी कि लहर

उत्तर प्रदेश कि बात करे तो लखनऊ बाराबंकी कानपुर कैसरगंज जरवल बहराईच मुरादाबाद उन्नाव लखीमपुर राय बरेली महिपुरवा नानपारा रूपईडीहा व अन्य क्षेत्रों में 72 घंटे तक लगातार तेज बारिश होने कि संभावना है।


बारिश न होने से उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में सूखे जैसे हालात हैं. खुद मौसम विभाग के बीते एक महीने के आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि राज्य के 48 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है और वहीं उत्तर प्रदेश में 57 फीसदी, झारखंड में 46 फीसदी और बिहार में 27 फीसदी से कम बारिश हुई है।

उत्तर प्रदेश में मानसून पर आईएमडी के बीते 30 साल के डाटा के आकलन के आधार पर काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वॉटर का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते राज्य में करीब 25 फीसदी बारिश पहले ही कम हो चुकी है. ऐसे में किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती थी लेकिन अब उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में जोर दार बारिश हुई है।


संस्था के प्रोग्राम लीड अबिनाश मोहंती बताते हैं कि आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, बीते तीस सालों में पहले ही उप्र में करीब 30 फीसदी बारिश कम हो चुकी है. इसी ट्रेंड के तहत इस साल अब तक 50 फीसदी से कम बारिश हुई है. जो ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

(वेदर एंटीलिजेंट) मौसम वैज्ञानिक ने इस्से पहले चेतावनी दी थी 19 से 21 जुलाई तक अगर बारिश नहीं हुई तो बड़ी आपदा जैसी स्थिति हो सकती है।

दूसरी तरफ सभी समुदाय के लोगो ने पूजा कि नमाज़ में दुवाएं मांगी गई महिलाओं ने इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए खेतो में हल चलाया ताकि अकाल संकट खत्म हो जाए। उसके 2 दिन बाद जमकर बारिश हुई।

दूसरे दिन भी जारी है बारिश,
21 जुलाई सुबह 9 बजे से हो रही है बारिश 

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